आज की कथा माता पार्वती के जन्म प्रसंग पर आधारित रही.
जिस तरह से पत्थर के अन्दर भी एक चिंगारी रहती है. उसी तरह जन्म से लेकर मृत्यु तक भोलेनाथ हमारे अन्दर ही रहता है..बस हमें प्रयास करना हैं उस शक्ति तक पहुचने का.
कथा में आना सरल है, कथा में बैठना सरल है, परन्तु शिव महापुराण कथा में मन लगाना कठिन होता है. और एक बार जब शिव महापुराण कथा में मन लगने लगता है, वैसे वैसे शिव को पाना आसान होने लगता है.
शिवमहापुराण की कथा का सबसे बड़ा प्रसाद यही है कि आप कथा में जो श्रवण कर रहे है, वह औरो से बाटते हुए रहे. प्रभु का नाम स्मरण करते रहे एवं अन्य को भी प्रेरित करते रहे.
जो श्री शिवाय नमस्तुभ्यम कहता है, घर के दरवाजे पर यदि लिखा है, गाडी पर लिखा है, अपने हाथ से यदि शिव सेवा कर रहे है, चरणों से शिव मंदिर जा रहे है तो तय है आप शिव को आत्मसात कर जी रहे है.
हे महादेव ! हमें दुनियां का सहारा मत देना, बस हमारा हाथ ऐसा थाम लेना महादेव, कि हम दुनियां का सहारा बन सकें
आज भोलेनाथ को हम मंदिरों में ढूंढते है, तो कहीं तीर्थों में ढूंढते हैं. यदि हम अपने मन में झाँक कर देखेंगे तो शिव हमें हमारे मन में भी मिलेगा.
केवल दरवाजे पर शुभ लाभ लिखना पर्याप्त नहीं है. दूसरों के लिए शुभ विचार मन में लाने लगे तो स्वतः लाभ होने लगेगा.
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प्रतिदिन हम लगभग 21600 श्वास लेते है. वह प्रत्येक श्वास एक शिव का रूप है. जब तक वह श्वास आती है हम जीवित होते है अन्यथा शरीर एक लाश हो जाता है. इसी...
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गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा भिलाई, छत्तीसगढ़ में चल रही श्री शिवमहापुराण कथा के अंतिम दिवस आज कथा का वाचन किया गया हैं. उक्त कथा का संक्षे...
श्रावण सोमवार के दिन आज गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी के श्री मुख से पवित्र श्री शिवमहापुराण कथा के छटे दिन आज सुन्दर कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्...
जब भी प्रेम का नाम आता हैं, तो सबसे पहले शिव का नाम आता हैं. शिव प्रेम देते भी हैं और शिव अपने भक्तों का प्रेम प्राप्त भी करते हैं. आज के दिन को म...
सम्पूर्ण माह में केवल श्रावण माह एक ऐसा माह हैं, जिसमें मनुष्य हो, सर्प हो, किन्नर हो, गन्धर्व हो या कोई भी जीव हो, यदि वे शिव मंदिर के सामने से भी...
एक मन और दूसरा मंदिर यह दोनों जितने निर्मल और साफ़ होंगे उतना ही भगवान महादेव की कृपा हम सब पर होती हैं. मन भी निर्मल और साफ़ होना चाहिए, यदि मंदिर ...
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स्कंध पुराण में, विष्णु पुराण में पांच ऐसे वृक्ष बताए हैं जिनके निचे से केवल आप निकलकर भी चले जाए तो आपको अद्भुत बल प्राप्त होता हैं. जब आप कुर्म ...
शिव-भक्ति का मुख्य आधार विश्वास हैं. यदि आप शिव पर विश्वास करते हैं तो ही शिव आपको प्राप्त होता हैं. आपके द्वारा किये गए विश्वास के कारण ही शिव आप...
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