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Pandit Pradeep Mishra - सम्पूर्ण जानकारी

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कुबेरेश्वर धाम

कुबेरेश्वर धाम के पास घूमने योग्य स्थान

कुबेरेश्वर धाम, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित एक अत्यंत प्रसिद्ध और आध्यात्मिक महत्व का धार्मिक स्थल है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और शिवपुराण कथा श्रवण हेतु पहुँचते हैं। यह स्थान पंडित प्रदीप मिश्रा जी (सीहोर वाले) द्वारा आयोजित शिव कथाओं के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें वे सरल और प्रभावशाली उपायों के माध्यम से भक्तों को जीवन की समस्याओं का समाधान बताते हैं। यदि आप कुबेरेश्वर धाम दर्शन करने आ रहे हैं, तो इसके आसपास स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल जैसे उज्जैन महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, भोपाल, देवास माता टेकरी, इंदौर आदि अवश्य घूमें। कुबेरेश्वर धाम के पास घूमने की जगहों की यह सूची आपको आपकी धार्मिक यात्रा को और भी समृद्ध और अविस्मरणीय बनाने में सहायता करेगी।

🚩 देवास (लगभग 110 किमी)

देवास

देवास, मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण नगर है। यह शहर विशेष रूप से माता टेकरी के लिए प्रसिद्ध है, जो एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और जहाँ माता चामुंडा तथा तुलजा भवानी के प्राचीन मंदिर स्थित हैं। चूँकि मंदिर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है वहा तक पहुचने के लिए केबल कार उपलब्ध है, जो आपको लगभग 10 से 15 मिनिट में ऊपर पहाड़ी पर मंदिर के नजदीक तक पहुचा देती है। इसके अलावा आप पैदल भी पक्के रोड के माध्यम से ऊपर दर्शन के लिए जा सकते है. केबल कार से यदि दर्शन करने जा रहे है तो लगभग 2 से 3 घंटे मात्र में आप दर्शन करके वापिस आ सकते है.

ध्यान रखें ऊपर पहाड़ी पर माताजी के दो मंदिर है. जिन्हें बड़ी माता एवं छोटी माता के नाम से जाना जाता है. केबल कार से उतारकर आप एक मंदिर में दर्शन कर आगे बढ़ते है, और पहाड़ी की परिक्रमा करते हुए पुनः केबल कार के स्थान पर आ जाते है. प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं, विशेषकर नवरात्रि और अन्य पर्वों पर यहां विशाल मेले लगते हैं। देवास कुबेरेश्वर धाम से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए यदि आप कुबेरेश्वर धाम दर्शन के लिए आए हैं तो देवास की धार्मिक यात्रा को अपने यात्रा कार्यक्रम में अवश्य शामिल करें।

यदि आप कुबेरेश्वर धाम से उज्जैन दर्शन की योजना बना रहे है, तो यह ध्यान रखें आप देवास से कुछ किलोमीटर पूर्व ही उज्जैन रोड पर मुड जाते है, ऐसे में देवास रह जाता है. यदि माता मंदिर के दर्शन करने है. तो आप पहले देवास आए एवं फिर उज्जैन के लिए प्रस्थान करें.

उपाय सूचि

🔱 उज्जैन (लगभग 147 किमी)

उज्जैन

उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ काल भैरव, हरसिद्धि माता और संदीपनि आश्रम भी दर्शनीय हैं। यह स्थान कुबेरेश्वर धाम से लगभग 147 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आध्यात्मिक यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।चूँकि उज्जैन में कई मंदिर एवं दर्शनीय स्थल है इसलिए उज्जैन के सभी प्रमुख मंदिर घुमने के लिए कम से कम आपको एक दिन अवश्य चाहिए. उज्जैन के प्रमुख मंदिरों की सूचि निचे दी जा रही है.

  • नागचंद्रेश्वर मंदिर – महाकालेश्वर मंदिर के ऊपरी हिस्से में स्थित है, जो वर्ष में केवल नाग पंचमी पर खुलता है।
  • हरसिद्धि माता मंदिर – महाकाल मंदिर से लगभग 500 मीटर दूर, शक्तिपीठ के रूप में विख्यात।
  • राम घाट (शिप्रा नदी) – महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 1 किमी दूर, जहाँ स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है।
  • संदीपनि आश्रम – महाकाल से लगभग 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ श्रीकृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की थी।
  • गणेश मंदिर (चारधाम) – महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 3 किमी दूर, चार रूपों में भगवान गणेश की मूर्तियाँ हैं।
  • काल भैरव मंदिर – महाकाल से लगभग 4.5 किमी दूर, जहाँ भैरव बाबा को मदिरा चढ़ाई जाती है।
  • मंगलनाथ मंदिर – महाकाल से लगभग 6 किमी दूर, ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान।
  • चिंतामणि गणेश मंदिर – महाकाल से लगभग 7 किमी दूर, संकट हरने वाले गणेशजी को समर्पित प्राचीन मंदिर।
  • भर्तृहरि गुफा – महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 8 किमी दूर, यह स्थान योगी भर्तृहरि की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध है।
  • इस्कॉन मंदिर उज्जैन – महाकाल मंदिर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित भव्य और शांतिपूर्ण कृष्ण मंदिर, जहाँ विदेशी भक्तों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति रहती है।

🏙️ इंदौर (लगभग 145 किमी)

इंदौर

इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और साफ-सुथरा शहर है। यहाँ राजवाड़ा, खजराना गणेश मंदिर, सराफा बाजार और कई ऐतिहासिक व आधुनिक स्थल दर्शनीय हैं। स्वादिष्ट भोजन और सांस्कृतिक विविधता के लिए इंदौर प्रसिद्ध है। कुबेरेश्वर धाम से इंदौर की दूरी लगभग 145 किलोमीटर है, और यह एक दिन की यात्रा के लिए बेहतरीन विकल्प है।

🕉️ ओंकारेश्वर (लगभग 211 किमी)

ओंकारेश्वर

ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित एक अत्यंत पवित्र धार्मिक स्थल है, जो पवित्र नर्मदा नदी के किनारे मंधाता पर्वत पर स्थित एक द्वीप पर बसा हुआ है। यह द्वीप ओंकार (ॐ) के आकार का दिखाई देता है, और यही कारण है कि इस स्थान को "ओंकारेश्वर" कहा जाता है। यह स्थान 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और शिवभक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय है। ओंकारेश्वर के पास ही स्थित है ममलेश्वर मंदिर है। यह भी एक प्राचीन शिव मंदिर है, और ऐसा माना जाता है कि ओंकारेश्वर और ममलेश्वर — दोनों मिलकर पूर्ण ज्योतिर्लिंग का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्रद्धालु दोनों मंदिरों के दर्शन करते हैं ताकि उनका पूजन पूर्ण माना जाए। हाल ही में यहाँ पर जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे “एकता की ज्ञान मूर्ति” कहा जाता है। यह प्रतिमा नर्मदा तट पर स्थित है और आध्यात्मिक विरासत तथा भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक मानी जाती है। प्रतिमा के पास एक संग्रहालय और दर्शक दीर्घा भी बनाई गई है, जहाँ शंकराचार्य जी के जीवन और दर्शन की जानकारी दी जाती है। ओम्कारेश्वर मंदिर के लिए एक परिक्रमा पथ भी है, जो सम्पूर्ण पहाड़ी से होकर गुजरता है. चूँकि यात्रा पहाड़ी पर है, इसलिए आपको ऊपर पहाड़ पर चढ़कर जाना होता है. एक बार ऊपर पहुँच गए फिर सीधा समतल रास्ता है. पूरा रास्ता प्राकृतिक हरियाली एवं आच्छादित है. कुबेरेश्वर धाम से ओंकारेश्वर की दूरी लगभग 211 किलोमीटर है। यदि आप शिवभक्ति, प्रकृति और सांस्कृतिक इतिहास से जुड़े स्थानों की यात्रा में रुचि रखते हैं, तो ओंकारेश्वर-ममलेश्वर और शंकराचार्य प्रतिमा का दर्शन आपकी यात्रा को दिव्यता से भर देगा।

🏞️ भोपाल (लगभग 45 किमी)

भोपाल

ध्यान रखें यह इंदौर से बिलकुल विपरीत दिशा में है. ऊपर दिए सभी स्थान इंदौर रोड पर है. भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी है और यहाँ का बड़ा तालाब, मानव संग्रहालय, भीम बेटका की गुफाएँ और कई मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कुबेरेश्वर धाम से भोपाल की दूरी लगभग 45 किमी है।

गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी के सुविचार