गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी कहते है कि होलिका दहन के पश्चात जब अग्नि थोड़ी ठंडी हो जाए तब उसकी राख लेकर घर आए या चाहे तो अगले दिन ला सकते है.
किसी कपड़े से उसे अच्छे से छान कर दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बिच भोलेनाथ पर अर्पित करें.
अर्पित की गई राख को थोडा सा उठा कर उसमें थोडा सा घी मिला कर अपने मस्तक पर तिलक लगाएं.
यह उपाय जीवन में कभी हारने नहीं देता. उसे हमेशा विजय प्राप्त होती है
सभी भक्तों को होली पर्व की शुभकामना
श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
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