यह व्रत 5 सोमवार किया जाता है.
किसी भी सोमवार से व्रत प्रारम्भ किया जा सकता है
यदि किसी सोमवार को आपका तीज का व्रत है, अमावस्या का व्रत है या अन्य किसी कारण से उपवास है(नवरात्री आदि) ऐसे में उस सोमवार आप पशुपतिनाथ व्रत छोड़ देवे.
सोमवार सुबह के समय पूजा की थाली तैयार करें (अबीर,गुलाल, पंचामृत(चाहे तो अलग अलग या एक साथ एक पात्र में भी रख सकते है), जनेऊ आदि) पूजन सामग्री इतनी रखे की सुबह भी काम में आ जाए और शाम को भी.
मंदिर में भगवान् का पूजन करें, पूजन कर अपने मन की बात भगवान् पशुपतिनाथ का स्मरण करते हुए कहे..
दोपहर में फलाहार करें.
शाम को वही पूजा की थाली में 6 घी के दीपक और मीठा प्रसाद (हलुआ आदि) लेकर जाए
शाम को पुनः अभिषेक की आवश्यकता नहीं है, जल का छीटा दे देवे, पंचामृत का छीटा दे देवें.
मंदिर में दीपक लगाने से पहले प्रसाद के तीन हिस्से करें.
मंदिर में जो 6 दीपक लेकर गए है, सभी 6 दीपक भगवान के समीप रख देवें.
उनमें से 5 दीपक जलाए, एक एक दीपक लगाते समय भगवान् से अपने मन की बात कहें.
छटा दीपक वापिस थाली में रख लेवे (जलाए नहीं, परन्तु थाली से निकालकार अन्य दीपक के साथ भगवान के समीप अवश्य रखे, फिर पुनः वापिस थाली में रख लेवे)
प्रसाद के जो तिन हिस्से किये है, दो हिस्से मंदिर में रख देवें. एक हिस्सा थाली में रखकर भगवान को प्रणाम कर, अपना निवेदन कर वापिस आइये.
घर में प्रवेश करते समय, दरवाजे के बाहर सीधे हाथ की ओर निचे बैठ कर उस दीपक को प्रज्वलित कर शिवजी से प्रार्थना कर अपना कार्य सफल/सिद्ध करने हेतु प्रार्थना करें. एवं फिर घर में प्रवेश करें.
शाम को भोजन करते समय प्रसाद का जो एक हिस्सा वापिस लाए है, सबसे पहले उसे ग्रहण करें, उसके बाद भोजन ग्रहण करें.(प्रसाद वितरण न करें, स्वयं को ही लेना है)
प्रसाद स्वयं को ग्रहण करना है इसलिए उतना ही प्रसाद तैयार करें जितना आप स्वयं ग्रहण कर सके, प्रसाद बाद के लिए न रखे.
पांच सोमवार व्रत करने के दौरान किसी सोमवार रजस्वला रहे या कोई अन्य कार्य आ जाए तो केवल व्रत करें, पूजन न करें.
पांचवा व्रत एवं पूजन जिस सोमवार रहे उस दिन सुबह पूजन के बाद शाम को जब पूजन करें तब 108 (चावन के दाने या मुंग के दाने, या पुष्प, या बिल्वपत्र जो अभी आपसे बन पड़े) संख्या में, एक नारियल, 11 रुपए अर्पित कर बाबा से निवेदन कर घर को आइए.
नोट: सभी व्रत एक ही शिव मंदिर में करें.
प्रयास करें प्रत्येक सोमवार का दिन भगवान् का भजन, जाप आदि के साथ व्यतीत हो.
एप में गुरुदेव के भजन उपलब्ध कराए गए है.
साथ ही मंत्र जाप की सुविधा भी दी गई है. यदि समय अभाव के कारण आसन पर बैठ कर जाप न कर सके तो आप 108, 501 या अपनी सुविधा अनुसार संख्या दर्ज कर मंत्र जाप कर सकते है.
ऐप के संचालन हेतु यदि आप कोई दान करना चाहे तो ऐप के मेरा सहयोग मेनू में जाकर दान कर सकते है आप दान सीधा गूगल पे भी कर सकते है नंबर है 8770151481
हम अपनी ओर से भी प्रार्थना करते है, भगवान् आपके कष्टों को दूर कर आपकी मनोकामना पूरी करें.
हर हर महादेव
श्री शिवाय नमस्तुभ्यम
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