गुरुदेव पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया है पूर्णिमा व्रत के बारे में द्वापर में भगवान कृष्ण ने मैया यशोदा को भी बताया था. पूर्णिमा के 32 व्रत होते है. (कुछ लोग 8 या 11 करते है, यह सही नहीं है)
इस व्रत के अंतर्गत एक समय फलाहार एवं एक समय भोजन किया जाता है. भोजन में खीर (या दूध से बनी सामग्री होंना चाहिए)
जिस दिन व्रत रहे, रात्रि के समय चन्द्रदेव को अर्घ्यदेकर पूजन करें.
नोट: यह व्रत चैत्र माह की पूर्णिमा से प्रारम्भ किया जाता है. इस पूर्णिमा को कार्य सिद्धार्थी पूर्णिमा कहा जाता है.
श्री शिवाय नमस्तुभ्यम 🙏🙏
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