एक लोटा जल,
एक बेलपत्र चढ़ाएं, बेलपत्र की डंडी का मुह अशोक सुंदरी की ओर हो
एक दूर्वा चढ़ाएं, दुर्वा की डंडी का मुह अशोक सुंदरी की ओर हो.
एक लोटा जल जिस और से जल निचे की और गिरता है उस दिशा को छोड़ कर अन्य तिन दिशाओं में खड़े होकर भगवान कर्णघंटेश्वर महादेव का स्मरण करते हुए अर्पित करें.
तिन बार अलग अलग कलश न भरें, एक ही कलश पात्र के जल को तिन बार अलग अलग दिशाओं में खड़े होकर समर्पित करें.
अर्पित किये जल को ऐसे बच्चे को या मिर्गी पीड़ित मरीज को पिलाए धीरे धीरे बुद्धि स्थिर होने लगेगा एवं यदि मिर्गी का कोई दौरा आता होगा उसमें भी सुधार होने लगेगा
श्री शिवाय नमस्तुभ्यम🙏🙏🙏
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यदि बालक मंदबुद्धि हो, मुंह से राल गिरती रहती हो, अपनी उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में शारीरिक/मानसिक कार्य न कर पाता हो, बहुत चिडचिडा सा हो ऐसे ब...
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